भारत के लिए लोकतंत्र एक व्यवस्था नहीं बल्कि एक विचार है : प्रधानमंत्री

भारत के लिए लोकतंत्र एक व्यवस्था नहीं बल्कि एक विचार है : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत के लिए लोकतंत्र एक व्यवस्था नहीं बल्कि एक विचार है। मोदी ने बुधवार को यहां संसद के आधिकारिक टीवी चैनल का उद्घाटन करते हुए कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस है और ऐसे में ‘संसद टीवी’ का शुभारंभ अधिक प्रासंगिक हो जाता है। उन्होंने कहा, “ जब लोकतंत्र की बात आती है, तो भारत की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। भारत लोकतंत्र की जननी है। हमारे लिए लोकतंत्र सिर्फ एक संवैधानिक ढांचा नहीं है, बल्कि एक आत्मा है, यह ‘जीवन धारा’ है।” उन्होंने कहा, “ आज का दिन हमारी संसदीय व्यवस्था में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ रहा है। आज देश को संसद टीवी के रूप में संचार और संवाद का एक ऐसा माध्यम मिल रहा है जो देश के लोकतंत्र और जनप्रतिनिधियों की नयी आवाज के रूप में काम करेगा।”

उन्होंने कहा, “ मेरा अनुभव है कि ‘कन्टेंट इज कनेक्ट’ यानी जब आपके पास बेहतर कन्टेंट होगा तो लोग खुद ही आपके साथ जुड़ते जाते हैं। ये बात जितनी मीडिया पर लागू होती है, उतनी ही हमारी संसदीय व्यवस्था पर भी लागू होती है, क्योंकि संसद में सिर्फ राजनीति नहीं है, नीति भी है।” मोदी ने कहा , “ 21वीं सदी तो विशेष रूप से संचार और संवाद के जरिए क्रांति ला रही है। ऐसे में यह स्वाभाविक हो जाता है कि हमारी संसद से जुड़े चैनल भी इन आधुनिक व्यवस्थाओं के हिसाब से खुद को ढालें।” उन्होंने कहा , “ हमारी संसद में जब सत्र होता है, अलग अलग विषयों पर बहस होती है तो युवाओं के लिए कितना कुछ जानने सीखने के लिए होता है। हमारे संसद सदस्यों को भी जब पता होता है कि देश हमें देख रहा है तो उन्हें भी संसद के भीतर बेहतर आचरण की, बेहतर बहस की प्रेरणा मिलती है। ”