चैत्र नवरात्रि 2022: नौ दिन मां को क्या क्या करें अर्पित कि माता हो प्रसन्न,बता रहे है एस्ट्रोलॉजर विमल जैन

पिछले आर्टिकल में हमने जाना मां के नौ स्वरूपों की महिमा, अब इस आर्टिकल में हम जानेंगे नवरात्रि के 9 दिनों में मां को हम क्या करें अर्पित कि माता हो हम पर प्रसन्न। साथ ही एस्ट्रोलॉजर विमल जैन बता रहे हैं कि कैसे करें कन्या पूजन....

चैत्र नवरात्रि 2022: नौ दिन मां को क्या क्या करें अर्पित कि माता हो प्रसन्न,बता रहे है एस्ट्रोलॉजर विमल जैन

फीचर्स डेस्क। माता रानी को प्रसन्न करने का पर्व है नवरात्रि। हर कोई अपनी श्रद्धा अनुसार मां को प्रसन्न करने का प्रयास करता है। अगर आप भी ये चाहते है कि मां की आप पर कृपा हो तो आपको ये जानना जरूरी है कि मां को नौ दिन क्या क्या अर्पित करें जिससे मां हम पर प्रसन्न हो जाए और हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएं।

नौ दुर्गा को नौ दिन क्या क्या करें अर्पित

नवरात्रि में नवदुर्गा को अलग-अलग तिथि के अनुसार उनकी प्रिय वस्तुएं अर्पित करने का महत्व है। जिसने प्रथम दिन उड़द हल्दी फूल माला अर्पित करनी चाहिए। द्वितीय दिन तिल शक्कर चूड़ी गुलाल और शहद अर्पित करना चाहिए। तृतीय दिन लाल वस्त्र शहद खीर और काजल अर्पित करने चाहिए। चतुर्थ दिन दही फल सिन्दूर और मसूर अर्पित करने चाहिए। पांचवे दिन दूध मेवा कमल पुष्प और बिंदी भेंट स्वरूप देनी चाहिए। छठे दिन चुनरी पताका और दूर्वा अर्पित करनी चाहिए। सप्तमी तिथि को बताशा इत्र और फल पुष्प अर्पण करनी चाहिए। अष्टमी के दिन चूड़ी पीली मिठाई कमल गट्टा चंदन और वस्त्र अर्पित करने चाहिए। नवम दिन खीर सुहाग सामग्री साबूदाना अक्षत फल और बताशा का भोग लगाना चाहिए।

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कन्या पूजन में ध्यान रखें ये बातें

अष्टमी तिथि शनिवार 9 अप्रैल को है फल स्वरुप महा अष्टमी का व्रत किस दिन रखा जाएगा। महा नवमी का व्रत रविवार 10 अप्रैल को रखा जाएगा। नवरात्रि व्रत का पारण दशमी तिथि को विधि विधान पूर्वक किया जाएगा नवरात्रि के धार्मिक अनुष्ठान में कुंवारी कन्याओं की विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना करना लाभकारी रहेगा। एस्ट्रोलॉजर विमल जैन कहते हैं कि कुंवारी कन्याओं को त्रिशक्ति यानी महाकाली महालक्ष्मी और महासरस्वती देवी का स्वरूप माना गया है। कन्याओं के साथ बटुक की भी पूजा करने का नियम है। कन्या की आयु के अनुसार पूजा की जाती है। 2 वर्ष से 10 वर्ष तक की कन्या को देवी स्वरूप माना गया है जिनकी नवरात्रि पर भक्ति भाव के साथ पूजा करने से मां भगवती प्रसन्न होती है। शास्त्रों में 2 वर्ष की कन्या को कुमारी, 3 वर्ष की कन्या त्रिमूर्ति ,4 वर्ष की कन्या कल्याणी, 5 वर्ष की कन्या रोहिणी, 6 वर्ष की कन्या काली, 7 वर्ष की कन्या चंडिका, 8 वर्ष की कन्या शांभवी, 9 वर्ष की कन्या दुर्गा, 10 वर्ष की कन्या सुभद्रा के नाम से दर्शाया गया है। कन्याओं की विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना करने से सुख समृद्धि का संयोग बनता है। जो कन्या अस्वस्थ विकलांग नेत्रहीन हो वह दुर्गा पूजन हेतु वर्जित हैं फिर भी उनकी उपेक्षा ना करते हुए यथासंभव इनकी सेवा और सहायता करनी चाहिए इससे मां दुर्गा का आशीर्वाद सदा बना रहता है।

एस्ट्रोलॉजर विमल जैन कहती हैं कि मां की पूर्ण श्रद्धा भक्ति से पूजा अर्चना करें आपके सभी मनोरथ पूर्ण होंगे। साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करें। इस पाठ से आपको सुख शांति, धन और पुत्र रत्न की प्राप्ति, साथ ही हर रोग से मुक्ति मिलेगी और आप निर्भीक होकर घूम सकेंगे। माता दुर्गा की आप पर कृपा बनी रहे जय माता दी।

इनपुट सोर्स: ज्योतिष विद विमल जैन