Breast Cancer Awareness Month :ब्रैस्ट कैंसर का पता लगाने का फर्स्ट स्टेप है BRCA टेस्ट

ब्रैस्ट कैंसरएक ऐसा कैंसर है जो ब्रैस्ट के अंदर सेल्स के अनियंत्रित विकास की वजह से होता है। ये सेल्‍स धीरे-धीरे गांठ का रूप ले लेते हैं। इस कैंसर का उपचार हो सकता है। हालांकि अगर इसका जल्द पता नहीं लगाया गया तो यह एक जानलेवा हो सकता है क्योंकि यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी......

Breast Cancer Awareness Month :ब्रैस्ट कैंसर का पता लगाने का फर्स्ट स्टेप है BRCA टेस्ट

फीचर्स डेस्क। कैंसर का एक मात्रा इलाज अर्ली डायग्नोसिस ही है यानि लक्षणों को जल्दी पहचान कर ट्रीटमेंट शुरू कर ही इसको बढ़ने से रोका जा सकता है। यही थ्योरी ब्रैस्ट कैंसर पर भी लागु होती है जो की महिलाओं में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है। भारत में प्रति 1 लाख महिलाओं में 25.8% में ब्रेस्‍ट कैंसर डायग्‍नोज होता है। ब्रेस्‍ट कैंसर महिलाओं में कैंसर से संबंधित मौत की सबसे बड़ी वजह भी है। इस आकड़ें को बेटर करने के लिए अवेयर हो , सिम्टम्स को पहचान कर टेस्ट के लिए जाना ही समझदारी है। ब्रैस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ की सीरीज में आज हम ब्रैस्ट कैंसर को डायगनोस करने वाले टेस्ट के बारे में जानेगे।  आइये पढ़ते हैं

क्या है ब्रैस्ट कैंसर?

सबसे पहले जाने की क्या है ब्रैस्ट कैंसर ? ये एक ऐसा कैंसर है जो ब्रैस्ट के अंदर सेल्स के अनियंत्रित विकास की वजह से होता है। ये सेल्‍स धीरे-धीरे गांठ का रूप ले लेते हैं। इस कैंसर का उपचार हो सकता है। हालांकि अगर इसका जल्द पता नहीं लगाया गया तो यह एक जानलेवा हो सकता है क्योंकि यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है।

BRCA जीन टेस्ट

डायगनोसिस का फर्स्ट टेस्ट है BRCA जीन टेस्ट। यह एक तरह का ब्लड टेस्ट होता है। इस टेस्ट से दो जीन्स BRCA1 और BRCA2 में किसी तरह की गड़बड़ी का पता लगाया जा सकता है। इसकी मदद से हानिकारक म्यूटेशन की पहचान करने में मदद मिलती है।जीन्‍स आपके बॉयोलॉजिकल पेरेंट्स से मिले डीएनए के हिस्से हैं और कुछ हेल्‍थ कंडीशन के लिए भी जिम्मेदार हैं। BRCA1 and BRCA2 ऐसे जीन्‍स हैं जो प्रोटीन बनाकर सेल्‍स की रक्षा करते हैं और ट्यूमर को बनने से रोकने में मदद करते हैं। इसलिए इन जीन्‍स को ट्यूमर सप्रेसर जीन्‍स भी कहा जाता है।

किसको करवाना चाहिए?

अब बात आती है की किसको ये टेस्ट किसको करवाना चाहिए अगर आप को

45 वर्ष की उम्र से पहले ब्रेस्‍ट कैंसर की पर्सनल हिस्‍ट्री हो।

50 वर्ष की उम्र से पहले ब्रेस्‍ट कैंसर की पर्सनल हिस्‍ट्री और दूसरे प्राथमिक ब्रेस्‍ट कैंसर का पता चला हो, ब्रेस्‍ट कैंसर के साथ एक या एक से अधिक रिश्तेदार की मेडिकल हिस्‍ट्री हो ।

60 या उससे कम उम्र में ट्रिपल-निगेटिव ब्रेस्‍ट कैंसर की पर्सनल हिस्‍ट्री।

दो या अधिक प्रकार के कैंसर की पर्सनल हिस्‍ट्री।

ओवरियन कैंसर की पर्सनल हिस्‍ट्री।

किसी पुरुष रिश्तेदार में ब्रेस्ट कैंसर का होना।

BRCA म्यूटेशन के साथ पहले से ही किसी रिश्‍तेदार का डायग्नोसिस होना।

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BRCA टेस्ट रिजल्ट्स को कैसे समझें?

पॉजिटिव रिजल्ट आने का मतलब है कि BRCA 1 या BRCA 2 में म्यूटेशन पाया गया है। ये म्यूटेशन कैंसर होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं। लेकिन म्यूटेशन वाले सभी को कैंसर नहीं होता है। पॉजिटिव म्यूटेशन आपके अपने परिवार की आगे की जेनेटिक स्क्रीनिंग करवाने की ओर इशारा करता है। पॉजिटिव टेस्‍ट के फॉलो-अप में कैंसर के लिए स्क्रीनिंग आदि शामिल है। नेगेटिव रिजल्‍ट का मतलब है कि BRCA जीन म्यूटेशन नहीं पाया गया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपको कभी कैंसर नहीं होगा। अनसर्टेन रिजल्ट का मतलब है कि किसी प्रकार का BRCA जीन म्यूटेशन पाया गया था, लेकिन इसे कैंसर के बढ़े हुए खतरे से जोड़ा जा भी सकता है और नहीं भी। आगे की डायग्‍नोसिस के लिए आपको या तो अधिक टेस्ट्स या फिर ज़्यादा निगरानी की आवश्यकता हो सकती है।

आप पर्सनल और फैमिली हिस्ट्री के आधार पर आप BRCA टेस्ट करवाने का फैसला ले सकती हैं और ये जान सकती हैं कि आपको हेरेडिटरी ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर (HBOC) होने का खतरा है या नहीं। साथ ही, डॉक्टर या जेनेटिक काउंसलर से सलाह लें। सभी महिलाओं को घर पर नियमित रूप से खुद ब्रेस्ट की जांच करने की आदत डालनी चाहिए।

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Photo Credit- Freepick