सावधान : प्रेगनेंसी के दौरान बच्चा गोरा होने कि चाहत में आप भी केसर खा रहीं हैं तो ये आर्टिकल जरूर पढ़ें !

अकसर आप ने भी सोना होगा की प्रेगनेंसी में गोल्डन स्पाइस यानि केसर खाने से बच्चा गोरा व सुदंर पैदा होता है, लेकिन यह कहा तक सच है यह बताने के लिए आज हमारे साथ हैं गायनोलाजिस्ट और चाइल्ड एक्सपर्ट....

सावधान : प्रेगनेंसी के दौरान बच्चा गोरा होने कि चाहत में आप भी केसर खा रहीं हैं तो ये आर्टिकल जरूर पढ़ें !

फीचर्स डेस्क। अकसर आप ने भी सोना होगा की प्रेगनेंसी में गोल्डन स्पाइस यानि केसर खाने से बच्चा गोरा व सुदंर पैदा होता है, लेकिन यह कहा तक सच है यह बताने के लिए आज हमारे साथ हैं गायनोलाजिस्ट और चाइल्ड एक्सपर्ट अंजली मिश्रा। अंजली कहती हैं की गर्भवती महिलाओं केसर खाना तो फायदेमंद होता है। जो चिंता, तनाव, और पेट दर्द जैसे लक्षणों से लड़ने में मदद करती है। इसमें कई ऐसी औषधियां होती भी हैं जो मॉडरेशन में ना खाया केसर प्रेग्नेंट महिला को नुकसान भी पहुंचा सकता है।

प्रेग्‍नेंसी में केसर खाना क्या ठीक है?

दरअसल, केसर में ऐसे कई औषधीय गुण होते हैं जो गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद होते हैं। दूध में केसरप मिलाकर खाने से तनाव, शरीर का दर्द व ऐंठन, मूंड स्विंग और अन्य परेशानियों से आराम मिलता है लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन कॉन्‍ट्रैक्‍शन और प्रीमैच्‍योर डिलीवरी का खतरा बढ़ा देता है।

कितनी मात्रा लें केसर की

अगर आप प्रेगनेंट हैं तो इसके 2 से 3 रेसे से अधिक न लें। दरअसल, अधिक केसर लेने से आपके गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान हो सकता है। अंजली कहती हैं कि प्रेगनेंसी के 3 महीने के बाद ही केसर का सेवन शुरू करना चाहिए। दूसरी और तीसरी तिमाही में आप प्रतिदिन  20-30 mg केसर का यूज किया जा सकता है।

प्रेगनेंसी में केसर खाने के फायदे

. सामान्य प्रसव चाहती हैं तो चौथे महीने से केसर वाला दूध पीना शुरू कर दें। केसर पाचन क्रिया मजबूत, आंखों की रोशनी बढ़ाने, सही ब्लड सर्कुलेशन, हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल, मॉर्निंग सिकनेस दूर करने में भी मददगार है। इसमें में क्रॉसटिन और पोटेशियम व एंटीऑक्सीडेंट्स होता हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करके दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाता है।

​प्रेग्‍नेंसी में केसर खाने के नुकसान

केसर गर्भाशय में संकुचन कर सकता है जिससे गर्भपात और प्रीमैच्योर डिलीवरी का खतरा रहता है। इससे शरीर का तापमान और हीट बढ़ जाती है, जिससे प्रीमैच्‍योर लेबर की दिक्कत भी हो सकती है।  कई बार केसर से तनाव, चक्‍कर आना, मुंह में सूखापन, मतली-उल्टी और सिरदर्द हो सकती है, जिससे शिशु तक पोषण नहीं पहुंच पाता।

 दिखें ये लक्षण तो डॉक्टर से मिलें

अगर आपके नाक, होठ या आंखों से खून निकलने लगे या फिर आपका शरीर सुन्न या शरीर पूरी तरह ठंडा पड़ने लगे तो तुरंत अपने फैमली डॉक्टर के पास जाएँ।