संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति का ऐलान : शिवराज सिंह चौहान और गडकरी को हटाया, सर्बानंद सोनोवाल और येदियुरप्पा को मिली जगह

संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति का ऐलान  : शिवराज सिंह चौहान और गडकरी को हटाया, सर्बानंद सोनोवाल और येदियुरप्पा को मिली जगह

नई दिल्ली। भाजपा ने बुधवार को नए संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति का ऐलान किया है। 11 सदस्यों वाली संसदीय बोर्ड से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को हटा दिया गया है। शिवराज सिंह चौहान को 2013 में बोर्ड में शामिल किया गया था।

नए संसदीय बोर्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा, अमित शाह, राजनाथ सिंह के अलावा सर्वानंद सोनोवाल, बीएस येदियुरप्पा, के लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव, सत्यनारायण जटिया और पार्टी सचिव बीएल संतोष को जगह मिली है। संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति में एक भी सीएम को भी जगह नहीं मिली है। 

संसदीय बोर्ड सबसे ताकतवर संस्था

भाजपा में पार्टी की संसदीय बोर्ड को सबसे ताकतवर माना जाता है। गठबंधन से लेकर हर बड़े फैसले बोर्ड की 11 सदस्यीय टीम लेती है। इसके अलावा राज्यों में मुख्यमंत्री का चेहरा या विधान परिषद का नेता चुनने का काम भी इसी इकाई का होता है।

पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश के सीएम और विपक्ष का नेता चुनने का काम संसदीय बोर्ड ही करती है। राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर गठबंधन को लेकर भी संसदीय बोर्ड का ही फैसला अंतिम माना जाता है।

चुनाव समिति दूसरी सबसे ताकतवर संस्था

संसदीय बोर्ड के बाद चुनाव समिति बीजेपी में दूसरी सबसे ताकतवर संस्था के तौर पर जानी जाती है। चुनाव समिति के सदस्य लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनाव के टिकटों पर फैसला लेते हैं। चुनावी मामलों की सभी शक्तियां पार्टी की चुनाव समिति के पास हैं। 2014 लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार भी केंद्रीय चुनाव समिति ने ही तय किया था। तब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह हुआ करते थे।